Sunday, April 10, 2011

विवाह का आठवां वचन : पानी की बर्बादी रोकेंगे

ब्राह्मण समाज ने विवाह में अब आठवां वचन लेने का फैसला लिया है। सात वचनों के बाद आठवां वचन वरुण देवता को खुश करने के लिए लिया जाएगा, ताकि जीवन में नवग्रह की कृपा बनी रहे। वास्तव में इस आठवे वचन में ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से सामाजिक सरोकार को भी जोड़ा गया है और पानी की बर्बादी रोकने का संकल्प लिया जा रहा है। आठवां वचन जल संरक्षण के लिए होगा, जिसमें नव दम्पत्ति से यह वचन लिया जाएगा कि वे जीवन में पानी की अपव्यय कर कभी भी वरुण देवता को नाराज नहीं करेंगे।
हाल ही में यह फैसला भोपाल के श्री सिद्धेश्वर ज्योतिष केंद्र के प्रमुख ज्योतिषाचार्य श्री धर्मेंद्र शास्त्री की अगुवाई में लिया गया। इस फैसले में उन्होंने शहर और प्रदेश के कई ज्योतिषियों और पुरोहितों से संपर्क कर उनसे आग्रह किया है कि वे विवाह के अवसर पर वर-वधु को सात वचनों के साथ ही एक और वचन पानी की बर्बादी रोकने के लिए दिलाएं। इस फैसले का भोपाल जिला प्रशासन ने भी स्वागत किया है।

देशभर के पुरोहित आगे आएं
सर्व ब्राह्मण शिखर का मत है कि यह फैसला सिर्फ भोपाल तक नहीं बल्कि राजधानी के माध्यम से पूरे प्रदेश और फिर देशभर तक पहुंचना चाहिए। प्रति वर्ष गहराते जल संकट और गिरते भूजल स्तर के चलते ब्राह्मणों को इस विषय में भी गुरु की भूमिका का निर्वाह करते हुए जल संरक्षण की दिशा में लोगों को प्रेरित करना चाहिए। इसके लिए विवाह के सात वचनों में आठवां वचन जल संरक्षण का जोडऩे से अच्छा कुछ नहीं हो सकता। अब जरूरत है कि विवाह कराने वाले समूचे पुरोहित वर्ग को आगे आकर इस विषय की गंभीरता को समझते हुए विवाह का आठवां संकल्प जरूर दिलवाना चाहिए। इंदौर शहर में पं. चंद्रभूषण व्यास, पं. मनोज व्यास, पं. गणेश शास्त्री, पं. रेवाशंकर शुक्ला, सिवनी मालवा के पं. आशुतोष जोशी और पं. योगेंद्र महंत ने विवाह कराने के वक्त आठवां वचन दिलाने के प्रति सर्व ब्राह्मण शिखर परिवार को आश्वस्त किया है।

1 comment:

  1. बेहद उम्दा लिखा है सर ......आज के युवा अगर ऐसा वचन लेना शुरू कर दे तो ....दुनिया में जल संकट जड़ से ही मिट जायेगा ....इस निहायती खूबसूरत लेख को साझा करने के लिए शुक्रिया ...........

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